निबंधन और शर्तें जिनके अधीन जमा स्वीकार अथवा नवीकरण किया जाएगा 

A. श्रीमति श्वेता कुमारी, पति- श्री पंकज कुमार, ग्राम-चोपड़ा बाज़ार, पत्रालय-चोपड़ा रामनगर, थाना-जानकीनगर, जिला- पूर्णिया (बिहार) पिन-854102, निदेशक पहचान संख्या (DIN)-08571933, पेशा- व्यवसाय। 

B. श्री रजनीश रमण, पिता- श्री राममोहन रमण, ग्राम-खूंट, पत्रालय-चोपड़ा रामनगर, थाना-जानकीनगर, जिला- पूर्णिया (बिहार) पिन-854102, निदेशक पहचान संख्या (DIN)-08571922, पेशा- व्यवसाय। 

C. श्री गुलाब चंद कुमार, पिता- श्री कमलेश्वरी प्रसाद यादव, ग्राम-खूंट, पत्रालय-चोपड़ा रामनगर, थाना-जानकीनगर, जिला- पूर्णिया (बिहार) पिन-854102, निदेशक पहचान संख्या (DIN)-08571921, पेशा- व्यवसाय। 

विवरण 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23

कर के पहले लाभ 17,277 21,312 599 5,039

कर के लिए उपबंध 4,498 12,982 (4,275) (1,390)

कर के पश्चात् लाभ 12,779 8,330 4,874 6,429

क्रम विवरण 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23

(i) शुद्ध स्वामित्व निधि 10,00,000 10,12,779 10,21,109 10,25,983

(ii) स्वीकृत जमा 62,14,199 1,29,23,025 1,41,36,517 2,11,57,455

(iii) पुनः संदत्त जमा 37,29,931 98,63,393 1,59,65,596 1,73,62,717

(iv) दावाकृत जमा परंतु अभी शेष असंदत्त  0 0 0 0

(v) निम्नलिखित के लिए वितरित ऋण -

(a) स्थावर संपत्ति 12,62,994 17,37,158 15,85,350 7,00,300

(b) जमा 9,70,309 10,88,028 70,69,391 22,62,244

(c) सोना, चाँदी  तथा जेवर  6,04,524 59,52,297 49,51,214 74,31,628

(vi) कर के पहले लाभ 17,277 21,312 599 5,039

(vii) कर के लिए उपबंध 4,498 12,982 (4,275) (1,390)

(viii) कर के पश्चात् लाभ 12,779 8,330 4,874 6,429

(ix) प्रति शेयर लाभांश 0 0 0 0

i. आभूषण - यदि आपके पास आभूषण और उसके कागजात हैं तो हम उसे बंधक रखकर ऋण दे सकते हैं। जेवरों की जाँच प्रक्रिया, सोनार के चयन, वजन आदि निर्धारित करने का विवेकाधिकार प्रबंधन को सुरक्षित है। इन प्रक्रियों से गुजरने के बाद आपके आभूषण को पूरी तरह सील कर उसपर आपके हस्ताक्षर लिये जायेंगे। सील करते वक्त आप सुनिश्चित हो लें कि बिना आपके हस्ताक्षर और सील को तोड़े आभूषण को पॉकेट से निकला नहीं जा सकता है। ऋण समाप्ति पर आपको वह पैकेट इसी तरह सीलबंद वापस किया जायेगा। पैकेट वापसी के समय सुनिश्चित हो लें कि आपको पैकेट सुरक्षित मिल गया है। आप सील करते समय अपना निजी चिन्ह भी डालने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे ऋण की पुनःसंदाय अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। तीन माह तक ऋण में राशि जमा नहीं करने पर प्रतिभूति बीएसटी निधि लिमिटेड की संपत्ति हो जाएगी। ऋण, संपत्ति के मूल्य के अनुपात से 80 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। तीन महीने तक ऋण की राशि जमा नहीं करने पर आभूषण को बेचने का सभी अधिकार बीएसटी निधि लिमिटेड को सुरक्षित है।


ii. सावधि जमा राशि, राष्ट्रीय बचत पत्र, अन्य सरकारी प्रतिभूतियां और बीमा पोलिसीयां - सम्यक रूप से उन्मोचित ऐसी प्रतिभूतियां बीएसटी निधि लिमिटेड को बंधक रखी जाएंगी और इन प्रतिभूतियों की परिपक्वता की तारीख ऋण अवधि अथवा एक वर्ष, इनमें से जो पूर्वतर हो, के बाद नहीं होगी। सावधि जमा के विरुद्ध ऋण की दशा में, ऋण की अवधि सावधि जमा की असमाप्त अवधि से अधिक नहीं होगी। सम्यक रूप से उन्मोचित सरकारी प्रतिभूति बीएसटी निधि लिमिटेड को बंधक रखी जाएगी। ऐसे ऋण के पुनःसंदाय अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी।

iii. स्थावर संपत्ति के प्रति ऋण- ऋण, प्रतिभूति के रूप में प्रस्तावित सम्पति के मूल्य के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं होगा और ऐसे ऋण की संदाय की अवधि सात वर्ष से अधिक नहीं होगी।

A. बीएसटी निधि लिमिटेड की जैसी वित्तीय स्थिति प्रकट की गई है और आवेदन प्रारूप में की गयी प्रविष्टियां वास्तविक तथा सही है और कि निधि ने सभी नियमों का अनुपालन किया है। 

B. केन्द्रीय सरकार बीएसटी निधि लिमिटेड की वित्तीय सुदृढ़ता अथवा निधि द्वारा प्रस्तुत किसी कथन अथवा आवेदन अथवा मत की सत्यता का उत्तरदायित्व नहीं लेती। 

C. बीएसटी निधि लिमिटेड द्वारा स्वीकृत जमा का बीमा नहीं है और जमा के पुनःसंदाय की गारंटी केन्द्रीय सरकार अथवा भारतीय रिजर्व बैंक दोनों में से किसी की नहीं है। 


जमाकर्ता द्वारा अभिकथित सत्यापन खंड


बीएसटी निधि लिमिटेड द्वारा दिए गए वित्तीय और अन्य ब्यौरे तथा आवेदन प्ररूप में किए गए अभ्यावेदन को पढ़ा है और समझा है तथा ध्यानपूर्वक विचार करने के पश्चात् वह अपने जोखिम और अपनी इच्छा शक्ति से बीएसटी निधि लिमिटेड में जमा कर रहा है। 


आवेदक का हस्ताक्षर तिथि मोबाइल नंबर



बीएसटी निधि लिमिटेड द्वारा अपने कार्यों के सुचारू सञ्चालन के लिए मानक सञ्चालन प्रक्रिया 


1. (क) चिट फंड, किराया खरीद वित्त, वित्त लीज पर देने का कार्य, बीमा और किसी कारपोरेट निकाय द्वारा जारी प्रतिभूति के अर्जन का कारबार नहीं करेगी;

(ख) किसी नाम अथवा किसी प्ररूप में अधिमान शेयर, डिबेंचर अथवा कोई अन्य ऋण लिखित जारी नहीं करेगी;

(ग) अपने सदस्यों के साथ कोई चालू खाता नहीं खोलेगी;

(घ) किसी अन्य कंपनी की प्रतिभूतियां क्रय या अर्जित करना या किसी अन्य कंपनी के निदेशक बोर्ड की संरचना को किसी भी रीति में नियंत्रित करना या इसके प्रबंधन में परिवर्तन के लिए किसी व्यवस्था प्रविष्ट नहीं होगी (होना);

(ड़) अपने नाम से ऋण देने और लेने के अतिरिक्त कोई व्यवसाय नहीं करेगी;

कंपनी अपने सदस्यों को किराए पर लॉकर सुविधा देंगी परन्तु इस सुविधा से प्राप्त किराया एक वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय कंपनी की कुल आय के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा.

(च) अपने सदस्यों के आलावा किसी अन्य व्यक्ति से जमा स्वीकार नहीं करेगी अथवा ऋण नहीं देगी;

(छ) अपने सदस्यों द्वारा जमा कराई गई किसी आस्ति का प्रतिभूति के रूप में प्रयोग नहीं करेगी;

(ज) किसी कारपोरेट निकाय निकाय से जमा नहीं लेगी अथवा धन राशि उधार नहीं देगी;

(झ) अपने उधार लेने और उधार देने के कार्यकलापों में कोई भागीदारी समझौता नहीं करेगी;

(ञ)  जमा आमंत्रित करने के लिए किसी भी रूप में कोई विज्ञापन जारी नहीं करेगी अथवा कराएगी;

परंतु सदस्यों के बीच सावधि जमा योजनाओं के विवरण का नीजी परिचालन जिन पर ‘केवल सदस्यों में निजी परिचालन हेतु’ शब्द हो, को जमा आमंत्रित करने का विज्ञापन नहीं माना जाएगा.

(ट) सदस्यों से जमा एकत्र करने अथवा धनराशि का प्रयोग करने अथवा ऋण प्रदान करने के लिए किसी दलाली अथवा प्रोत्साहन का भुगतान नहीं करेगी;

(ठ) निधि के सदस्यों को अग्रिम ऋणों के प्रयोजनों के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों या किसी अन्य स्त्रोतों से ऋण नहीं लेगी.

2. सदस्यता- (1)  किसी कारपोरेट निकाय अथवा न्यास को सदस्य नहीं बनाएगी.

(2) इन नियमों के अधीन दी गई अनुज्ञा के सिवाय, यह सुनिश्चित करेगी कि इसके सदस्यों की संख्या किसी भी समय दौ सौ कम न हो.

(3) किसी भी अवयस्क को सदस्य नहीं बनाया जाएगा; परंतु कि अवयस्क के नाम से जमा स्वीकार किया जाएगा यदि उसका प्राकृतिक अथवा कानूनी अभिभावक सदस्य है.

3. जमा- (1) सावधि जमा न्यूनतम छ: मास और अधिकतम साठ मास की अवधि के लिए स्वीकार किए जाएँगी.

(2) आवर्ती जमा न्यूनतम बारह मास और अधिकतम साठ मास की अवधि के लिए स्वीकार किए जाएंगे.

(3) बंधक ऋणों से संबंधित आवर्ती जमा के मामले में, आवर्ती जमा की अधिकतम अवधि निधि द्वारा दिए जाने वाले ऋणों की संदाय अवधि के अनुरूप होगी.

(4) ब्याज के लिए पात्र बचत खाते में किसी भी समय अधिकतम एक लाख रुपए का अधिकतम शेष होगा और ब्याज की दर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा बचत खाते पर देय ब्याज दर से दो प्रतिशत अधिक नहीं होगी.

(5) कोई निधि सावधि और आवर्ती जमा पर ऐसी ब्याज दर का प्रस्ताव करेगी जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अधिकतम ब्याज दर, जो गैर-बैंककारी वित्तीय कंपनियां अपनी सार्वजानिक जमा पर दे सकती है, से अधिक नहीं होगी.

(6) कोई सावधि जमा खाता अथवा आवर्ती जमा खाता जमाकर्ता द्वारा निम्नलिखित के अधीन रहते हुए समय से पहले बंद किया जा सकता है, अर्थात;

(क) कोई निधि जमा स्वीकार करने की तारीख से तीन मास की अवधि में किसी जमा का संदाय नहीं करेगी;

(ख) यदि कोई निधि जमाकर्ता के अनुरोध पर तीन मास की अवधि के पश्चात् किसी जमा का संदाय करती है तो जमाकर्ता को जमा की तारीख से छ: मास तक के लिए कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा;

(ग) यदि कोई निधि जमाकर्ता के अनुरोध पर उस अवधि, जिसके लिए निधि द्वारा जमा स्वीकार किया गया था, समाप्त होने से पहले संदाय करती है तो ऐसे जमा पर निधि द्वारा देय ब्याज दर उस दर से दो प्रतिशत कम होगी जो साधारणतया निधि अवधि, जिसके लिए जमा स्वीकार किया था, पूरी होने के पश्चात्, करती; परंतु जमाकर्ता की मृत्यु की दशा में, जमा जीवित जमाकर्ता या संयुक्त धृति की दशा में जीवित खंड के साथ जमाकर्ताओं, नामनिर्देशितियों या विधिक उत्तराधिकारियों को पुनंर्सदाय की तारीख तक उस ब्याज की दर पर जिस पर कंपनी साधारणतया संदाय करती यदि जमा उस अवधि के लिए स्वीकार किया जाता जिस तक ऐसा जमा होता, संदाय किया जा सकेगा.


4. ऋण-(1) कोई निधि केवल अपने सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराएगी.

(2) निधि द्वारा किसी सदस्य को दिए गए ऋण निम्नलिखित सीमाओं के अधीन होंगें, अर्थात:-

(क) दो लाख रुपए, जहाँ ऐसी निधि को इसके सदस्यों से जमा की कुल राशि दो करोड़ रुपए से कम है;

(ख) साढ़े सात लाख रुपए, जहाँ ऐसी निधि को इसके सदस्यों से प्राप्त जमा की कुल राशि दो करोड़ रुपए से अधिक किन्तु बीस करोड़ रुपए से कम है;

(ग) बारह लाख रुपए, जहाँ ऐसी निधि को इसके सदस्यों से प्राप्त जमा की कुल राशि बीस करोड़ रुपए से अधिक किन्तु पचास करोड़ रुपए से कम है; तथा

(घ) पंद्रह लाख रुपए जहां ऐसी निधि को इसके सदस्यों से प्राप्त जमा की कुल राशि पचास करोड़ रुपए से अधिक है;

परंतु जहां किसी निधि को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगातार कोई लाभ नहीं हुआ है तो वह निधि खंड (क), (ख),(ग) अथवा (घ) में विहित ऋण की अधिकतम राशि के पचास प्रतिशत से अधिक कोई नया ऋण नहीं देगी.

परंतु यह और कि कोई सदस्य किसी और ऋण के लिए पात्र नहीं होगा यदि किसी सदस्य ने निधि से पहले कोई ऋण लिया है और उस ऋण के पुनर्संदाय में व्यतिक्रम किया है.

(3) उपनियम (2) के प्रयोजनों के लिए, जमा की राशि पिछले लेखा संपरीक्षित वित्तीय विवरणी के आधार पर आकलित की जाएगी.

परंतु संयुक्त शेयरधारकों के मामले में, ऋण उस सदस्य को दिया जाएगा जिसका नाम सदस्यों के रजिस्टर में पहले होगा.

(4) कोई निधि केवल अपने सदस्यों को निम्नलिखित प्रतिभूतियो के विरुद्ध ऋण देगी, अर्थात :-

(क) सोना, चाँदी और आभूषण:

परंतु कि ऐसे ऋण की पुनःसंदाय अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी.

(ख) स्थावर संपत्ति:

परंतु स्थावर संपत्ति के प्रति कुल ऋण [संपत्ति का अंतरण अधिनियम,1882 (1882 का 4) की धारा 69 के अधीन एक रजिस्ट्रीकृत बंधक होने के कारण रजिस्ट्रीकृत बंधक द्वारा संपत्ति की प्रतिभूति पर दिए गए बंधक ऋण को छोड़कर] बोर्ड द्वारा अनुमोदन की तारीख को बकाया सम्रग ऋण के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं होगा, व्यक्तिगत ऋण प्रतिभूति के रूप में प्रस्तावित संपत्ति के मूल्य के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं होगा और ऐसे ऋण की संदाय अवधि सात वर्ष से अधिक नहीं होगी.

(ग) सावधि जमा, राष्ट्रीय बचत पत्र, अन्य सरकारी प्रतिभूतियां और बीमा पॉलिसियां:

परंतु सम्यक रूप से उन्मोचित ऐसी प्रतिभूतियां निधि को बंधक रखी जाएँगी और इन प्रतिभूतियो की परिपक्वता की तारीख ऋण अवधि अथवा एक वर्ष, इनमें से जो पूर्वोत्तर हो, के बाद नहीं होगी:

परंतु यह और कि सावधि जमा के विरुद्ध ऋण की दशा में, ऋण की अवधि सावधि जमा की असमाप्त अवधि से अधिक नहीं होगी.

5. ब्याज की दर - किसी निधि द्वारा दिए गए किसी ऋण पर लिए जाने वाले ब्याज की दर निधि द्वारा प्रस्तावित अधिकतम ब्याज दर से साढ़े सात प्रतिशत से अधिक नहीं होगी और इसकी गणना घटती अधिशेष पद्धति से की जाएगी:

परंतु निधि ऋणों के समान वर्ग के सम्बन्ध में उधार लेने वालों से ब्याज की समान दर पर प्रभार करेगी और सभी वर्गों के ऋणों की ब्याज दर निधि के रजिस्ट्रीकृत कार्यालय और प्रत्येक शाखा कार्यालय में सूचना पट पर स्पष्ट प्रदर्शित की जाएगी.

6. निदेशकों से सम्बंधित नियम -(1) निदेशक एक सदस्य होगा.

(2) निदेशक निधि के बोर्ड में लगातार दस वर्षों के कार्यकाल तक उस पद पर रहेगा.

(3) कोई निदेशक पुनः नियुक्ति के लिए निदेशक से विरत होने के दो वर्ष समाप्त होने के पश्चात् पात्र होगा.

(4) जहाँ किसी मामले में किसी निदेशक का कार्यकाल केन्द्रीय सरकार द्वारा पहले बढ़ा दिया गया है तो उस बढ़ाये गए कार्यकाल की समाप्ति पर कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.

(5) किसी निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाने वाला व्यक्ति, अधिनियम की धारा 152 की उपधारा (4) की अपेक्षाओं का अनुपालन करेगा और उसे अधिनियम की धारा 164 के उपबंधों के अनुसार नियुक्ति से निरर्हित नहीं होगा.